प्रेग्नेंसी में डायबिटीज नहीं है आम, बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है असर

प्रेग्नेंसी में डायबिटीज नहीं है आम, बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है असर

 

Diabetes is not common in pregnancy, it affects the health of the child गर्भावस्था कई मायनों में सुखद अनुभव देने वाला होता है, हर महिला चाहती है कि वो मां बने, लेकिन ये वो समय होता है जब गर्भवती महिलाओं को कई तरह के बदलाव से होकर गुजरना पड़ता है। प्रेग्‍नेंसी के दौरान हमारे शरीर के हॉर्मोन्‍स का काफी अहम रोल होता है और इस समय हॉर्मोन्‍स के स्‍तर में कई बार उतार-चढ़ाव होते हैं, और इन्हीं अनियमित बदलावों के कारण गर्भावस्‍था के समय कई तरही की बीमारियां हो जाती हैं जो प्रेग्नेंसी के समय मुसिबत बन जाती हैं। इन्ही बीमारियों में से एक है डायबिटीज!

प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होती है डायबिटीज़?

गर्भावस्था में डायबिटीज़ (Diabetes in pregnancy) का होना कोई बीमारी नहीं है, क्योंकि हार्मोनल बदलाव के कारण 10 में से करीब 9 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को शुगर की समस्‍या हो जाती है। इस परेशानी को Gestational Diabetes भी कहते हैं। ये कोई बीमारी तो नहीं है लेकिन इससे प्रेग्‍नेंसी में कई तरह की परेशानियां पैदा हो जाती हैं।

  1. गर्भवास्था के दौरान इंसुलिन हमारे शरीर में अग्‍नाशय नाम की ग्रंथि में बनता है, लेकिन इस दौरान शरीर में कई तरह के  बदलाव होते हैं जिससे गर्भवती महिला का शरीर इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील होने लगता है, और ऐसा इसलिए होता है जिससे रक्‍त में मौजूद शुगर बच्‍चे को मिल सके। लेकिन कभी कभार ये संतुलन खराब हो जाता है औऱ शरीर में ज़रूरत से ज्यादा शुगर बन जाता है जिससे डायबिटीज़ हो जाता है।
  2. अचानक बढ़ने वाला वज़न भी डायबिटीज का कारण बन जाता है। गर्भाधान से पहले जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है उनमें मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि इंसुलिन का गर्भ से सीधा संबंध है।
  3. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं  को तरह तरह की चीज़ें खाने का मन करता है जिससे इंसुलीन ज़रूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, इसके अलावा इंसुलिन शरीर में भोजन और ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलता है। जिससे शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं औऱ शुगर लेवल बढ़ जाता है।

डायबिटीज़ का प्रेगनेंसी पर असर

वैसे तो प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होना नॉर्मल है लेकिन अगर समय रहते जेस्‍टेशनल डायबिटीज का इलाज न किया जाए तो इसके असर से नवजात शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।

  1. जो महिला गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज का शिकार हो जाती है जन्म के बाद उसके बच्चे में हमेशा लो ब्‍लड शुगर होना और मिनरल की कमी रहती है।
  2. जिन महिलाओं को  प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज हो जाता है उनकी डिलीवरी 9 महीने से पहले भी हो सकती है इसके अलावा शिशु को पीलिया होने का भी खतरा रहता है।
  3. डायबिटीज की शिकार महिलाओं के बच्चे को हमेशा मोटापा औऱ डायबिटीज का खतरा रहता है। इसके अलावा बच्चे को सांस से सम्बंधित परेशानी भी हो सकती है।
  4. बच्चे के जन्म के दौरान मां को डायबिटीज होने के कारण बच्‍चों में मैक्रोसोमिया हो सकता है। और इन बच्‍चों के जन्‍म के समय कंधों में चोट आ जाती है। इसके अलावा जन्‍म के समय बच्चों में ब्‍लड ग्‍लूकोज लेवल बहुत गिर जाता है और उन्‍हें सांस लेने में भी परेशानी होने लगती है।
  5. शिशु में मैग्नीशियम और कैल्शियम का निम्न स्तर हो जाता है। है जिसके कारण नवजात को मरोड़, ऐंठन, झटके जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज मां की तुलना में बच्चों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप इस स्थिति से गुजर रही हैं तो आप अपने आसपास स्थिति Ujala Cygnus अस्पताल में अपना इलाज करवा सकती हैं। इसके अलावा कोई भी छोटी बड़ी बीमारी के बारे में जानने के लिए आप हमारे डॉक्टरर्स से भी सलाह ले सकते हैं।